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लेखनी कहानी -13-May-2022

अधूरी दास्तां
रात का दूसरा पहर चल रहा था। हर तरफ गहरा सन्नाटा पसरा हुआ था। रोशनी के लिए रास्ते के किनारे लगे खंभों पर लाइटें जल रही थी। सर्द रात में, धीमी-धीमी बरसात के चलते, सूनसान सड़क पर मद्धम रफ्तार में एक गाड़ी अपने गंतव्य की ओर चली जा रही थी। चालक की सीट पर लगभग इक्कीस बाईस साल का एक लड़का बैठा हुआ था जो सुनसान जगह होने के कारण बहुत घबराया हुआ था। उसके साथ वाली सीट पर उसी की हमउम्र लड़की बैठी हुई थी।

"तनिक बताओ तो सही मोहित कि हम कहां जा रहे हैं? तुम तो आज रात अपने घर पर हमारे रिश्ते के बारे में बात करने वाले थे। फिर अचानक यह सब क्यूं?" नव्या ने हैरानी से पूछा।

"आपके पापा ने हमारी शादी से इंकार कर दिया है। उन्होंने अपने खास दोस्त को वादा किया था कि अपनी बेटी की शादी उसके बेटे से करवाएंगे। इसलिए उन्होंने मुझे साफ़ साफ़ मना कर दिया इस लिए मैंने तुम्हें आखिरी बार मिलने के लिए बुलाया था।" यह कहते हुए मोहित की आंखें नम हो गईं। 

यह सुनकर नव्या भी खामोश हो गई। उसे भी समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या कहे। मोहित से मिलने से पहले नव्या बहुत खुश थी कि उसके पिता इस शादी के लिए खुशी खुशी तैयार होंगे पर मोहित की बात सुनकर उसकी आंखों में पानी उतर आया था।

(अरे भाई रुकिए रुकिए पहले तनिक परिचय तो हो जाए किरदारों से। नव्या चौहान चौहान बिल्डर्स के मालिक संग्राम सिंह चौहान की बेटी है जिसे पैसों की कोई कमी नहीं है। उसका बड़ा भाई विजय चौहान एक राजनीतिक पार्टी में ऊंची पुजिशन पर है। वहीं दूसरी तरफ मोहित एक मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखता है। उसके पिता मदनलाल एक छोटा सा पर मशहूर रेस्टोरेंट चलाते हैं। अरे भाई बैठे क्यूं हो परिचय खत्म अब चलो वापस कहानी की तरफ)

अचानक उन्हें रास्ते पर एक आदमी नज़र आता है जो पेट के बल पड़ा हुआ था। मोहित ने अचानक गाड़ी को रोका और बाहर उतर आया। नव्या गाड़ी में ही बैठी रही। मोहित ने जैसे ही उसकी सांसें का निरीक्षण किया तभी अचानक से कुछ लोगों ने मोहित को चारों तरफ से घेर लिया और मारने लगे। 

नव्या ने जैसे ही गाड़ी से बाहर निकल कर उसकी सहायता करनी चाही तो पीछे से किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया। नव्या ने पीछे पलटकर देखा तो पाया कि उसके भाई विजय चौहान ने हाथ पकड़ा था। नव्या को अपनी गाड़ी में बैठा कर गाड़ी को लौट कर दिया। नव्या बेबस नजरों से देख रही थी किन्तु कुछ भी कर नहीं पा रही थी।

विजय के वहां पहुंचने पर उन लोगों ने मोहित को छोड़ दिया। विजय ने अधमरी हालत में पड़े मोहित को उठा कर उसकी गाड़ी में डाला और उसको चालू कर खाई की तरफ घुमाकर छोड़ दिया। नव्या ने जैसे ही गाड़ी को खाई की तरफ जाते देखा तो गाड़ी से बाहर निकलने के लिए कोशिश करने लगी। इसी सब में उसके हाथ गाड़ी में पड़ी हुई गन लग गई।

तब तक मोहित की गाड़ी खाई में गिर कर आग पकड़ चुकी थी और एक धमाके के साथ गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। यह देख कर नव्या ने गन को अपनी कनपटी पर लगाया और ट्रिगर दबा दिया। मोहित को मरते हुए देख कर नव्या ने भी अपनी जान दे दी। विजय ने नव्या की लाश को नम आंखों से देखा और मन मारकर उसे भी खाई से नीचे फेंक दिया। ताकि यह महज एक दुर्घटना जैसे लगे। 
और इस तरह मोहब्बत की एक और दास्तां अधूरी ही रह गई।

Written By The Great Nalayak & Jhola Shaap Writer Raju Ladhroiea 😝😝😝😝😝😝😝

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9 Comments

Neha syed

14-May-2022 09:39 PM

👏👏

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Anam ansari

14-May-2022 09:29 PM

Nice

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Haaya meer

14-May-2022 08:16 PM

Very nice

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